उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत राजकीय शिक्षाविदों के स्थानांतरण से जुड़ी एक अच्छी खबर है। करीब 3 साल से पूरे जिले में कोई स्विच नहीं था। लंबे समय से विभिन्न शिक्षक संघ पूरे जिले और एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं।
शिक्षाविद संघों के कई पदाधिकारियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से सलाह दी कि -
उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के तबादले/समायोजन की नीति पर सहमति बनाने के लिए श्री प्रताप सिंह बघेल, सचिव, प्राथमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा निदेशालय में शाम 5 बजे बैठक बुलायी गयी. सभा की अध्यक्षता श्री विजय किरण आनंद जी, निदेशक कॉमन कॉलेज स्कूलिंग, उत्तर प्रदेश ने की। एआईपीटीएफ के राष्ट्रव्यापी सचिव पूज्य सुशील कुमार पाण्डेय/उत्तर प्रदेश मुख्य व्याख्याता संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी बैठक में उपस्थित थे और उन्होंने विभागीय अधिकारियों के समक्ष प्रदेश के शिक्षकों की समस्याओं को उठाया और निवारण के लिए आवश्यक सुझाव भी दिये. बैठक में अगले विकल्पों पर सहमति बनी है-
1 सबसे पहले तो शिक्षकों को कम संख्या वाले शिक्षकों वाले स्कूलों में जाने का मौका दिया जाएगा। जिन विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात कम है, वहां उस विद्यालय में स्थानान्तरण की संभावना अधिक होगी। सिंगल कॉलेजों में लेक्चरर आसानी से ट्रांसफर ले सकेंगे।
2- उसके बाद सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा। जिन संकायों में शिक्षक अधिक हैं और छात्रों की संख्या कम है। वहां से स्विच किया जा सकता है।
3- अंतर-जिला पारस्परिक स्थानान्तरण पूरे वर्ष किया जा सकता है, लेकिन निर्वहन केवल इकतीस दिसंबर से पंद्रह जनवरी और बीसवीं मई से पंद्रह जून के बीच किया जा सकता है।
4 प्रमोशन अगस्त माह में हो सकता है।
5- संविदा कर्मचारियों के संबंध में संशोधित आदेश जारी किया जा सकता है।