जिस उम्र में खिलाड़ी खेल की बारीकियां सीखते हैं, जिस उम्र में खिलाड़ी अपने करियर के एक मुकाम को पार कर चुके होते हैं। उस समय भारत के एक युवा क्रिकेटर ने क्रिकेट छोड़ दिया, लेकिन मैदान छोड़ने के बाद भी क्रिकेट कभी उस युवा खिलाड़ी के केंद्र में नहीं गया और 5 के लंबे होल के बाद 19 साल की उम्र में मैदान में लौट आया।
26 साल की उम्र में ग्रुप इंडिया का चेहरा बना। बस यही कहानी है बांग्लादेश के खिलाफ टी20 कलेक्शन के लिए ग्रुप इंडिया में चुने गए शिवम दुबे की। हालांकि उनकी इस छोटी सी कहानी ने आपके मन में भी कई बड़े सवाल खड़े कर दिए होंगे. बहरहाल, उन्होंने 14 साल की उम्र में क्रिकेट क्यों छोड़ दिया? 5 साल बाद फिर कैसे आए? 5 साल में उन्होंने क्या किया? इस तरह के कई सवाल इर्दगिर्द घूमने चाहिए थे।
पिछले साल नई दिल्ली में हुए एक मैच में सभी की जुबान पर एक ही सवाल था कि ये लंबू कौन है? तेज गेंदबाज क्या है? इस सवाल के चार दिन बाद सभी को जवाब मिल गया। 26 जून 1993 को मुंबई में जन्में शिवम ने उस मैच की पहली पारी में 114 और दूसरी पारी में नाबाद 69 रन बनाए थे।
12 महीने बाद ग्रुप इंडिया के चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम में शिवम दुबे को चुना। 17 प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शिवम ने 137.07 के स्ट्राइक रेट से 366 रन बनाए। उन्होंने ताजा विजय हजारे ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया था। शिवम ने ग्रुप चरण में कर्नाटक के खिलाफ 67 गेंदों में 118 रन बनाए।
मुंबई की टीम हालांकि 9 रन से मैच हार गई, लेकिन शिवम की बल्लेबाजी एमएसके प्रसाद को प्रभावित करने के लिए काफी थी। जो उस वक्त बेंगलुरु के स्टेडियम में मौजूद थे। उनके साथ चुनाव समिति के एक अन्य सदस्य गगन खोड़ा भी मौजूद थे। हिंदुस्तान अवसरों से बातचीत में शिवम ने कहा कि चयनकर्ताओं ने उन्हें बताया कि उन्हें बल्लेबाजी बहुत पसंद है। उनकी बल्लेबाजी बिल्कुल अलग थी। शिवम ने कहा कि चयनकर्ताओं की बात सुनकर उनका उत्साह भी बढ़ गया।